Category Archives: राजस्थान GK

राजस्थान के सम्प्रदाय

राजस्थान के सम्प्रदाय FREE QUIZ के लिए यहां क्लिक करें :- FREEE QUIZ राजस्थान में दो सम्प्रदाय प्रमुखतः मिलते हैंः- (अ) सगुण सम्प्रदाय                 रामानुज सम्प्रदाय                 रामानन्दी सम्प्रदाय               निम्बार्क सम्पद्राय                वल्लभ सम्प्रदाय                  निष्कंलक सम्प्रदाय               गौड़ीय सम्प्रदाय                  चरण दासी सम्प्रदाय              नाथ सम्प्रदाय                   पाशुपत सम्प्रदाय                 (ब) निर्गुण सम्प्रदाय […]

राजस्थान की लोक देवियाँ

राजस्थान की लोक देवियाँ : राजस्थान के जनमानस में शक्ति के प्रतीक के रूप में लोक देवियों के प्रति अटूट श्रध्दा व आस्था है। साधरण परिवार की इन कन्याओं ने लोक कल्याणकारी कार्य किए और अलौकिक चमत्कारों से जनसाधरण के दुःखों को दूर किया। इसी कारण जनसामान्य ने इन्हें लोकदेवी के पद पर प्रतिष्ठित किया, […]

राजस्थानी लोक गीत

राजस्थानी लोक गीत * पावणा-विवाह के बाद दामाद के लिए गाए जाने वाले गीत। * सीठणे-विवाह समारोह में खुशी व आनन्द के लिए गाए जाते इन्हे गाली गीत कहते है। * जलो (जलाल)-वधु पक्ष की स्त्रायों द्वारा जब वर की बारात का डेरा देखने जाते समय। * कामण-वर को जादू टोने से बचाने हेतु * […]

राजस्थान का संगीत

राजस्थान का संगीत ध्रुपद शैली– ध्रुपद की चार मुख्य धराऐं मानी जाती है- * गोहरावाणी-तानसेन की गायन शैली जो स्वामी हरिदास से सम्बंधित है। * डागुर वाणी-यह डांग क्षेत्र (करौली) के निवासी ब्रज चंद की वाणी (प्रवर्तक) बहराम खां डागर ने प्रसिद्धी दिलाई। * नोहरवाणी-इसे नोहर (हनुमानगढ़) के निवासी श्रीचंद की परम्परा मानी जाती है। […]

राजस्थान लोककला

राजस्थान लोककला पाषाणयुगीन मानव ने शिकार के लिए पत्थर के हथियार बनाये,उसके बाद उसने मिट्टी के बर्तन, खिलौने, मनके, ईटें, ताँबे की कुल्हाडियाँ आदि आपनी जरूरत एवं रोजमर्रा के उपकरणों का निर्माण किया। बिना किसी मशीन या नक्शें के शुरू किये गये ये कार्य केवल उसके दक्ष हाथों का ही कमाल था। चांदी के आहत […]

राजस्थान – हस्त शिल्प

राजस्थान – हस्त शिल्प – राजस्थान में मानव सभ्यता के काल से ही हस्तशिल्प के प्रमाण मिलते है, जिनमें तीसरी शताब्दी ई. पू. के कलात्मक स्तम्भ शामिल है। मानव के विकास की यात्रा के साथ ही राजस्थान मे हस्तशिल्प फला-फुला है। इतना ही नहीं, अपने बहुविविध् स्वरूप के कारण राजस्थान को हस्तशिल्प का संग्रहालय कहा […]

राजस्थान – चित्रकला

राजस्थान – चित्रकला – राजस्थानी चित्रकला भारतीय चित्रकला के अंतर्गत अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखती है और भारतीय कला के इतिहास में भी इसका अपनाविशिष्ट स्थान है। राजस्थानी चित्रकला को केवल राजपूत शैली या हिन्दू शैली की संज्ञा देना उचित नहीं है वरन् यह अनेक शैलियों का समन्वित रूप है। राजस्थान में प्रागैतिहासिक काल से ही […]

राजस्थान के महल

हवामहल जयपुर 1799 ईमहाराजा प्रताप सिंह द्वारा निर्मित। वास्तुकार लाल चंद उस्ता। पांच मंजिला। 953 खिड़कियां। आकृति कृष्ण के मुकुट के समान भारतीय-पफारसी शैली पर आधारित। 1999 में द्वितीय शताब्दी वर्ष मनाया गया है। चन्द्र महल (सिटी पैलेस) जयपुर सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित। जयपुर राज परिवार का निवास स्थान। शिल्पी विधध्र भट्टाचार्य। सात मंजिला। जल […]

राजस्थान- किले व दुर्ग

कौटिल्य का कहना है कि राजा को अपने शत्रुओं सें सुरक्षा के लिए राज्य की सीमाओं पर दुर्गो का निर्माण करवाना चाहिये। राजस्थान में प्राचीन काल से ही राजा महाराजा अपने निवास की सुरक्षा के लिए, सामग्री संग्रह के लिए, आक्रमण के समय अपनी प्रजा को सुरक्षित रखने के लिए तथा पशुधन को बचाने के […]

राजस्थान के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी

अर्जुनलाल सेठी जन्म- 9 सितम्बर, 1880 (जयपुर) जैन परिवार में। 1906 ई. जयपुर में शिक्षा प्रचारक समिति की स्थापना की। 1907 ई. में अजमेर में जैन वर्ध्मान पाठशाला की स्थापना की जिसे 1908 मे जयपुर स्थानान्तरित कर दी। (भारत की प्रथम राष्ट्रीय विद्यापीठ) कार्यक्षेत्र-जिला अजमेर पुस्तके-शुद मुक्ति, स्त्र मुक्ति, मदन पराजय, पार्श्वयज्ञ। ‘महेन्द्र कुमार’-नाटक जयपुर […]

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