अर्जुनलाल सेठी
जन्म- 9 सितम्बर, 1880 (जयपुर) जैन परिवार में।
1906 ई. जयपुर में शिक्षा प्रचारक समिति की स्थापना की।
1907 ई. में अजमेर में जैन वर्ध्मान पाठशाला की स्थापना की जिसे 1908 मे जयपुर स्थानान्तरित कर दी। (भारत की प्रथम राष्ट्रीय विद्यापीठ)
कार्यक्षेत्र-जिला अजमेर
पुस्तके-शुद मुक्ति, स्त्र मुक्ति, मदन पराजय, पार्श्वयज्ञ।
‘महेन्द्र कुमार’-नाटक
जयपुर महाराजा ने प्रधानमंत्री की नौकरी का प्रस्ताव दिया तब सेठीजी ने कहा ‘‘अर्जुन नौकरी करेगा तो अंग्रेजों को भारत से बाहर कौन निकालेगा।’’
राजस्थान के प्रथम क्रांतिकारी।
राजपूताने में राष्ट्रीयता के जन्मदाता।
देहावसान के अवसर पर पंडित सुन्दरलाल ने श्रदांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ‘‘ धधिजी जैसा त्याग और दृढ़ता लेकर जन्में थे और उसी दृढ़ता से उन्होंने मृत्यु को गले लगाया।’’
विजयसिंह पथिक
जन्म-24 मार्च, 1882-गुढ़वाली ग्राम, बुलन्दशहर (उत्तरप्रदेश)
मूल नाम- भूपसिंह
राजस्थान में किसान आंदोलन के जनक।
चित्तौड़ में विद्या प्रचारणी सभा की स्थापना (ओछड़ी गांव में
हरिभाई किंकर के साथ मिलकर)
वर्ध से ‘राजस्थान केसरी’ नामक समाचार पत्र का संपादन।
1920 ई. अजमेर में राजस्थान सेवा संघ की स्थापना की।
राजनैतिक चेतना जाग्रत करने का सर्वाधिक श्रेय राजस्थान सेवा संघ को जाता है।
वीर भारत समाज का गठन (1919 ई.)
बिजोलिया व बेंगू किसान आंदोलन का नेतृत्व
‘राजस्थान संदेश’, ‘नवसंदेश’ – पत्र संपादन किया।
झण्डा यह हर किले पर चढ़ेगा – इनका गीत।
प्रतापसिंह बारहठ
जन्म-24 मई, 1893 (कविराज श्यामलदास की हवेली उदयपुर में।)
पिता- केसरी सिंह बारहठ
माता- माणिक देवी
1914-15 बनारस षड़यन्त्रा का आरोप तय किये जाने के कारण वरेली जेल में भेज दिये गये। (आसानाडा स्टेशन, जोधपुर में गिरफ्तार)
सर चार्ल्स क्लीव लैण्ड के आध्नुषिक अत्याचारों से जेल में 27 मई, 1918 को मृत्यु।
प्रताप ने कहाँ ‘‘मैं अपनी माता को हंसाने के लिए हजारों-हजारों की माताओं को नहीं रूला सकता’’।
राव गोपाल सिंह खरवा
जन्म – 19 अक्टूबर, 1873 मेवाड़ रियासत के खरवा ठिकाने में (अजमेर)
राजस्थान में सशस्त्रा क्रांति के जनक।
केसरी सिंह बारहठ के साथ मिलकर वीर भारत सभा (1903 ई.) की स्थापना की।
1915 ई. देश व्यापी क्रांति की योजना बनाई।
मार्च 1939 को निधन – निधन के बाद केसरीसिंह ने कहा ‘‘रह्यों लाल पांचाल में, महाराष्ट्र में बाल। रांजत राजस्थान में गौरवमय गोपाल।’’
दामोदर दास राठी
जन्म -पोकरण (जैसलमेर) 8 फरवरी, 1884 ई.।
ब्यावर में आर्य समाज व होम रूल लीग (1916) की स्थापना की।
ब्यावर में सनातन धर्म , स्कूल, कॉलेज तथा नवभारत विद्यालय की स्थापना की।
राजस्थान के स्वतंत्रता संग्राम के भामाशाह (28 जून भामाशाह जयंती)
कार्यक्षेत्र-अजमेर जिला।
1889 राज्य में सबसे पहले सूत्र वस्त्रा मिल की स्थापना की (इनके पिता खींवराज राठी ने)
बाल गंगाध्र तिलक की उग्र नीतियों के समर्थक ।
21 फरवरी 1915 ई. की क्रांति हेतु सहायता।
2 जनवरी 1918 ई. को निधन ।
जोरावर सिंह बारहठ
केसरी सिंह बारहठ के छोटे भाई
23 दिसम्बर 1912 ई. को दिल्ली के चांदनी चौक में लार्ड हाडिग पर बम पफेंकने वाला साहसी व्यक्ति।
श्यामजी कृष्ण वर्मा
1887-1897 तक रतलाम, उदयपुर व जूनागढ़ राज्यों में दिवान पद पर रहें।
स्वदेशी के प्रबल समर्थक।
इंग्लैण्ड में इण्डियन हाऊस व होमरूल सोसायटी की स्थापना।
माणिक्य लाल वर्मा
जन्म – 4 दिसम्बर, 1897 बिजौलिया (भीलवाड़ा)
संयुक्त राजस्थान के प्रधानमंत्री ।
मेवाड़ प्रजामण्डल के संस्थापक।
पदम् विभूषण से सम्मानित (1965 दूसरे व्यक्ति)।
1934 सागवाड़ा में खाडलाई आश्रम की स्थापना (उद्देश्य- भीलों को समाज की मुख्य धरा में लाना।)
मेवाड़ का वर्तमान शासन- पुस्तक ‘पंछीड़ा’- प्रजामण्डल युगीन गीत।
भोगीलाल पाण्ड्या
बागड़ के गाँधी
जन्म- सीमलवाड़ा ग्राम, डुंगरपुर (1904)
आदिवासियों में निरक्षरता उन्मूलन हेतु शिक्षा का प्रचार-प्रसार।
वागड़ सेवा मंदिर नाम से संस्था की स्थापना, इसके बन्द हो जाने पर वनवासी सेवा संघ की स्थापना (15 मार्च, 1938)
स्वः मणि बहन पांड्या इनकी पत्नी इन्हें ‘वागड़वा’ की उपाधि्।
1976 ई. पद्म भूषण
सागरमल गोपा
जन्म -जैसलमेर
सर्वहितकारी वाचनालय की स्थापना की (1915)
जैसलमेर के महारावल जवाहरसिंह के अत्याचारों का विरोध्।
आजादी के दीवाने, रघुनाथसिंह का मुकदमा, जैसलमेर में गुण्डाराज’ नामक पुस्तकें लिखी।
जैसलमेर व हैदराबाद राज्य में घुसने पर प्रतिबन्ध्।
जेल, अधीक्षक गुमानसिंह ने 3 अप्रैल 1946 को जेल में गोपा की हत्या, जॉंच हेतु गोपाल स्वरूप पाठक समिति का गठन।
जमनालाल बजाज
जन्म-4 नवम्बर, 1889, काशीनास ग्राम (सीकर)
.गाँधी के पांचवे पुत्र के नाम से प्रसिद्ध।
अंग्रेजों ने ‘राय बहादुर’ का खिताब दिया (1917)।
1920 बागपुर कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष
1937 मद्रास हिन्दी साहित्य समिति के अध्यक्ष।
अपने को गुलाम नम्बर चार मानते थे। भारत गुलाम, देशी राजा गुलाम, सीकर गुलाम, मैं गुलाम।
1921 रायबहादुर की उपाधि् लौटा दी।
राजस्थान में सर्वप्रथम उत्तरदायी शासन की मांग करने वाले।
चरखा व खादी के समर्थक (1927 चरखा चंख की स्थापना की।)11 फरवरी 1942 को मृत्यु।
राजपूताना मध्य भारत सभा की अजमेर में अध्यक्षता की।
रामनारायण चोधरी
जन्म- 1896, नीम का थाना (सीकर)
1932 ई. में हरिजन सेवक संघ की राजपूताना शाखा का कार्यभार संभाला।
कार्यक्षेत्र-अजमेर जिला।
‘तरूण राजस्थान’ का संपादन किया।
गाँधी जी की दक्षिण यात्र के समय हिन्दी सचिव रहे।
नेतराम गौरीर
जन्म – 1892, गौरीर गांव (झुंझुनू)
शेखावटी में आर्य समाज को संगठित किया।
स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन (कन्या शिक्षा)
गोकुल भाई भट्ट
जन्म – 1898 ई. हाथल गांव (सिरोही)
प्रारम्भिक शिक्षा मुम्बई में।
भूदान आंदोलन के सक्रिय योगदान।
राजस्थान में गाँधी नाम से प्रसिद्ध।
1946 राजपुताना प्रान्तीय देशी राज्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष।
नशामुक्ति के प्रणेता।
सिरोही का राजस्थान में विलय इनके प्रयासों से।
1966 पद्मभूषण, संविधन सभा के सदस्य रहे।
हरिभाऊ उपाध्याय
जन्म-9 मार्च 1893
भैरांसा ग्राम (ग्वालियर)
‘दा’ साहब नाम से प्रसिद्ध।
वास्तविक नाम बद्रीनाथ।
हटुण्डी (अजमेर) में ‘गाँध्ी आश्रम’ की स्थापना की।
औदूंम्बर, नवजीवन व सरस्वती नामक पत्रिका का प्रकाशन।
1925 ई. ‘सस्ता साहित्य मण्डल’ की स्थापना की।
1952 ई. अजमेर राज्य के प्रथम मुख्यमंत्र बने।
‘युगधर्म’ व ‘सर्वोदय की बुनियाद’ इनकी पुस्तके।
जयनारायण व्यास
जन्म- 1899 ई. (18 फरवरी) जोधपुर
शेर-ऐ-राजस्थान, लोकनायक नाम से लोकप्रिय।
सर्वप्रथम सामन्त शाही के खिलाफ आवाज उठाने वाले।
‘आगी बाण’ ब्यावर से प्रकाशित राजस्थानी भाषा का प्रथम राजनैतिक सामाचार पत्र।
‘अखण्ड भारत’ को बम्बई से प्रकाशित किया।
‘पीप’ नामक अंग्रेजी मासिक पत्र की सम्पादक रहे।
मारवाड़ हितकारिणी सभा की स्थापना की (चांदकरण शारदा अध्यक्ष)
जोधपुर प्रजामण्डल के संस्थापक।
3 जुलाई 1947 भारत सरकार ने डाक टिकट जारी किया।
जय नारायण व्यास राजस्थान के एक बार मनोनीत तथा एक बार निर्वाचित मुख्यमंत्र रहे।
कविता – ‘मैंने अपने ही हाथों से अपनी चिता जलाई।
देख-देख लपटे मैं हंसता, तु क्यों रोता भाई।’
1917-18 जोधपुर में पुष्करणा नवयुवक मण्डल की स्थापना।
26 अप्रैल 1951 – राज्य के मुख्यमंत्र मनोनीत
1 नवम्बर 1952 निर्वाचित मुख्यमंत्र (6 नवम्बर 1954 तक)
अक्कड़ के कक्कड़, लकीर के फकीर नाम से लोकप्रिय।
राजस्थानी को प्रान्तीय, भाषा का दर्जा दिलाने के लिए ‘‘राजस्थानी आंदोलन क्या, और क्यों नहीं’’ पुस्तक का प्रकाशन किया।
डंके री चोट सूण – प्रजामण्डल युगीन गीत।
हीरालाल शास्त्री
जन्म- 24 नवम्बर, 1899 जयुपर में।
निवाई (टोंक) शान्ताबाई शिक्षा कुटीर की स्थापना, बाद में नाम बदलकर वनस्थली विद्यापीठ कर दिया। (महिला शिक्षा से संबंध्ति 1935 में)
4 अप्रैल, 1949 राजस्थान के प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्र बने।
‘प्रत्यक्ष जीवन शास्त्रा’- आत्मकथा
रतन शास्त्रा इनकी पत्नी जो विद्यापीठ की संचालिका।
प्रलय प्रतिक्षा नमों नमः इनका प्रसिद्ध गीत।
1942 ई. शास्त्रा जी व जयपुर के प्रधानमंत्री सर मिर्जा इस्माइल के मध्य जैन्टलमैन समझौता।
‘सपनों आयो’ प्रजामण्डल से संबंध्ति गीत।
जयपुर से संविधन निर्मात्री सभा में भेजे गए।
रतन शास्त्र को 1995 पद्म श्री 1995 पद्मभूषण
जुगलकिशोर चतुवेदी
जन्म – 8 नवम्बर, 1904 साँख ग्राम (मथुरा)
1947 को भरतपुर में जबरन बेगार के लिए चलाये गए आंदोलन का संचालन किया।
मत्स्य संघ में उपप्रधानमंत्री ।
‘लोक शिक्षक’ पुत्र की संपादन।
कार्यक्षेत्र-भरतपुर जिला।
जनता प्यार से इनको दूसरा जवाहरलाल नेहरू कहकर पुकारती।
ज्वाला प्रसाद शर्मा
अजमेर
1931 में रेलवे खजाना लूटने की योजना बनाई।
हटुण्डी के जंगलों में बाइक चलाने का प्रशिक्षण।
अप्रैल 1932 में अजमेर चीफ कमिश्नर की हत्या का प्रयास।
राजकीय महाविद्यालय स्टाफ की वेतन लुटने का प्रयास।
1934 ई. वायसराय की बीकानेर में हत्या करने का प्रयास।
जयपुर के सूरज बक्श को धमकी भरा पत्र भेजा।
दुर्गाप्रसाद चोधरी
जन्म – 18 दिसम्बर, 1906 रामनारायण चोधरी के छोटे भाई
जन्म – नीम का थाना (सीकर)
अजमेर के साबरमती और हटुण्डी आश्रमों में कार्यरत थे।
‘कप्तान’ नाम से प्रसिद्ध।
दैनिक नवज्योति का 1936 में संपादन किया।
बिजौलिया आन्दोलन व डुंगरपुर भील आन्दोलन से जुड़े।
मुकुट बिहारी लाल भार्गव
जन्म -शाहपुरा (भीलवाड़ा) 30 जनवरी, 1903 को
कार्यक्षेत्र अजमेर
संविधन सभा में अजमेर का प्रतिनिध्त्वि किया
हरिभाऊ उपाध्याय ने ‘राजस्थान का सी.आर.दास’ कहा।
बाल मकुन्द बिस्सा (जोधपुर)
जन्म- पीलवा, डीडवाना (नागौर)
पुष्करणा परिवार में
प्रारम्भिक शिक्षा कलकता में।
1934 ई. राजस्थान में चर्खा एजेन्सी लेकर खददर भण्डार की स्थापना की।
जोधपुर जेल में भूख हड़ताल से मृत्यु (19 जुन,1942 ई शवयात्र में 1 लाख लोग)
भुख हड़ताल से शहीद होने वाले राज्य के प्रथम व्यक्ति
साधू सीताराम दास
जन्म 1884 ई. बिजौलिया में
किसानों की दुर्दशा देखकर उनको संगठीत किया और जगह-जगह पाठशालाएं व पुस्तकालय स्थापित किये।
संगठित सामंती सेना से लोहा लेने वाली सेना का पहला लोक नायक।
पं. नरोतम लाल जोशी
जन्म – 16 दिसम्बर, 1916 झुंझुनू में।
जयपुर राज्य प्रजामण्डल के 1938 में हुए जन आंदोलन के प्रवर्तक रहे।
1939 ई. शेखावटी जकात आंदोलन का नेतृत्व किया।
1945 ई. संविधन निर्मात्र समिति के सदस्य रहे।
प्रथम विधनसभा अध्यक्ष।
हरिदेव जोशी
जन्म- 17 दिसम्बर 1921 खान्टू ग्राम (बांसवाड़ा)
कार्यक्षेत्र डूँगरपूर जिला।
जयपुर से प्रकाशित ‘दैनिक नवयुग’ और पार्टी के पत्र ‘कांग्रेस संदेश’ के सम्पादक रहे।
तीन बार मुख्यमंत्र।
10 विधन सभाओं में लगातार विजयी रहे।
डुंगरपुर प्रजामण्डल के संस्थापक थे।
दामोदर लाल व्यास
मालपुरा (टोंक) निवासी।
राजस्थान के लौह पुरूष के नाम से लोकप्रिय।
राज्य में पहले राजस्व मंत्र।
राजस्थान में भूमि सुधरों को कठोरता पूर्वक लागू करवाने में प्रमुख भूमिका।
शौकत अस्मानी (बीकानेर)
जन्म-21 दिसम्बर, 1901 ई.
अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तित्व वाला राजस्थान का एक सपूत।
हिजरत आंदोलन का सदस्य था।
मुंशी समर्थदान चरण
1889 ‘राजस्थान समाचार पत्र ’ की प्रकाशन प्रारम्भ कर राजस्थान में पत्रिकारिता का श्री गणेश किया।
स्वामी दयानन्द सरस्वती ने इनको ‘मनीषी’ की उपाधि् दी।
गोकुल वर्मा
भरतपुर प्रजामण्डल के नेता।
शेर-ए भरतपुर नाम से प्रसिद्ध गणेशलाल व्यास ‘उस्ताद’
जन्म-21 मार्च, 1907
भीमराज पुरोहित के साथ मिलकर ‘मारवाड़ यूथ लीग’ की स्थापना। (10 मई, 1931)
‘‘गरीबों की आवाज, बेकसों की आवाज, इंकबाल-ए-तराने’’ पुस्तिकाऐ
‘‘आज जन कवि री जुग वाणी’’ प्रजामण्डल युगीन गीत।
पीड़ित एवं शोषित किसानों एवं मजदूरों के हितों के पोषक।
केसरी सिंह बारहठ (1827-1941)
जन्म – 21 नवम्बर, 1872।
जन्म स्थान – देवपुरा खेड़ा (भीलवाड़ा)
पिता- कृष्णसिंह
उच्च स्तरीय विद्वान, राजनीतिज्ञ, स्वाभिमानी।
चेतावनी रा चूंगटिया (13 सोरठे)- रचना, डिंगल भाषा में।
1903 महाराणा फतहसिंह को कर्जन के दरबार में जाने से रोका।
दरबार का आयोजन एडवर्ड सप्तम के राज्या रोहण के अवसर पर राजाओं का।
1911 ई. दिल्ली दरबार में जाते समय महाराणा को पुनः गोपाल सिंह व केसरीसिंह ने पत्र लिखे।
1920 ई. कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में राजपूताना एवं मध्य भारत के प्रतिनिधि् के रूप में भाग।
14 अगस्त, 1941 कोटा में देहांत।
ग्रंथ-प्रताप चरित्र, राजसिंह चरित्र, दुर्गादास चरित्र, जसवंत सिंह चरित्र। श्यामदास की जीवनी लिखी।
स्वामी केशवानन्द
जन्म- 1883 मगलूणा (सीकर), जाट परिवार में।
बचपन का नाम- बीरमां
पिफरोजपुर (पंजाब) के अनाथ आश्रम में पालन, 1904 ईउदसरी मत में दीक्षित केशवानन्द बने।
1908 गुरू ने फाजिल्का की गुरू गद्दी सौंप दी।
ग्रामोत्थान विद्यापीठ-संगरिया (H) के संस्थापक।
1952-64 राज्यसभा सदस्य।
घनश्यामदास बिड़ला
जन्म-पिलानी (झुंझुनू)
प्रसिद्ध उद्योगपति एवं स्वतंत्रता सेनानी, उच्च कोटि के लेखक पुस्तकें-गांधीजी के साथ पन्द्रह दिन, गाँध्ीजी की छत्र-छाया में, मार्सेल्स से जिनेवा, हम पराध्ीन क्यों?, बिखरे विचारों की भरोटी, कृष्ण वंदे जगतगुरू, विद्यार्थी जीवन।
पिलानी में बिड़ला तकनीकि शिक्षण संस्थान की स्थापना।
‘हरिजन सेवक संघ’ के संस्थापक सदस्य।
‘हरिजन’ पत्र का संपादन।
हिन्दुस्तान टाइम्स प्रकाशन समूह की स्थापना की।
.पदम् विभूषण विजेता (1961 प्रथम विजेता)
वैज्ञानिक C V रमण को 20 लाख रू. प्रयोगशाला की स्थापना के लिये।
भारत की आजादी के लिए 20 करोड़ कांग्रेस व अन्य संस्थाओं को।
मुनि जिन विजय
जन्म रूपाहेली गांव, 1888 ई. (मेवाड़)
बचपन का नाम – रिणमल परमार, 15 वर्ष की आयु में जैन धर्म में।
कुमार पाल प्रतिबोध ग्रन्थ का संपादन।
जैन साहित्य संशोध्क समिति का स्थापना।
जर्मनी में इण्डो जर्मन ‘केन्द्र की स्थापना।
1942 जैसलमेर में 200 ग्रन्थों की प्रतिलिपियाँ तैयार करवाई
1905 ई. इनके निर्देशन में राजस्थान पुरातत्व मंदिर की स्थापना।
देवीलाल सामर
जन्म- 1911, उदयपुर।
पिता- अर्जुनसिंह, माता-अलोल बाई
11 वर्ष की आयु में अभिमन्यू नाटक में अभिमन्यु का अभिनव, इसी कारण मदन मोहन मालवीय पुरस्कार
1952 भारतीय लोक कला मण्डल की स्थापना।
पद्मश्री (1968)
पड़ कावड़ व कठपुतली को पुनर्जीवित करने में
दौलतसिंह कोठारी
जन्म-उदयपुर, 1906।
डॉ. मेघनाद साहा के शिष्य।
1948 DRDO के अध्यक्ष।
1964-66 शिक्षा आयोग के अध्यक्ष।
1947 यू.जी.सी. के अध्यक्ष।
1964-66 शिक्षा आयोग के अध्यक्ष।
1973 यू.जी.सी. के अध्यक्ष
भारत सरकार पद्म विभूषण।
न्यूक्लियर एक्स प्लॉजन एण्ड देयर इफक्ट्स।
वैज्ञानिक के रूप में श्वेतवामन तारों, दबाव के तहत अणुओं के आयनीकरण की प्रक्रिया एवं परमाणु विखण्डन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान।
नगेन्द्र सिंह कोठारी
जन्म- डुंगरपुर 1914
राजस्थान का नगीना
कानून के ज्ञाता
भारतीय संविधन सभा के सदस्य
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय हेग के एक बार मुख्य न्यायाध्ीश (1983), दो बार जज।
1973 ई. पद्म विभूषण।
1988 हौलेण्ड में निधन ।
‘द थ्योरी ऑफ पफोर्स इन हिन्दू पॉलिटी’
टमिर्न ेशन ऑफ मेम्बर शिप आपॅ फ इन्टर नेशनल आगॅ र्ने ाइजेशन
न्यूक्लियर वेपन्स एण्ड इन्टरनेशनल लॉ।
हनुमान प्रसाद पोहदार
जन्म-रतनगढ़ (चुरू) 17 सितम्बर, 1892।
देश के एकमात्र व्यक्ति जिन्होंने भारत रत्न लेने से मना कर दिया।
इनके द्वारा 15 हजार पृष्ठों का साहित्य 86 पुस्तकों में रचित
गीताप्रेस गोरखपुर की पुस्तक ‘कल्याण’ का संपादन।
भारत चीनी आक्रमण के समय इन्होंने ‘चीन दमन की साध्ना असैर सिर्ठ’ नामक कविता लिखी।
स्त्री धर्म प्रश्नोत्तरी उनकी प्रसिद्ध पुस्तक।